7 क्युं क परमेसर आपानै सूगलो नइ पण पबितर जीवन जीबा ताँई बुलायो ह।
कुरन्थी नगरी म परमेसर की बिस्वासी मंडळी का मिनखा अर बा सगळा क नाम मांडूँ हूँ, जखा परमेसर का मिनख होबा ताँई बुलाया गया हीं, जखा मसी ईसु क जरिए परमेसरऊँ जुड़ेड़ा हीं। अर बे सगळा जखा हर कठै रेह्र म्हारा अर आपणा सगळा का परबु ईसु मसी, को गुणगान करीं हीं।
काया का काम तो सामै हीं जंय्यांकी, कुकरम, सूगला काम, उदफेली,
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
इ ताँई म, जखो परबु की सेवा ताँई केदि हूँ थारूँ आ अरदास करूं हूँ क जखा हेलाऊँ थानै बुलायो गयो हो बिकै जोगीई चाल चालो,
बाकी सगळी सरम-हया मरी पड़ी ह; बे खुदनै बुरी बाण म गेर राख्या हीं, अर सगळा लुचापुणा का काम बिना रोक-टोक करबा लागर्या हीं।
क्युं क म्हारो उपदेस झूठो, धोको देबाळो अर छळकपट करबाळो कोनी,
बो आपानै परमेसर का मिनख होबा ताँई बचायो अर बुलायो ह, ओ सोभाग आपणा प आपणा करमा गेल कोनी होयो ह पण ओ तो बिकी दया अर बिका मकसद गेल आपणा प होयो ह। जखो मसी ईसु म जगत की सरूआतऊँ पेली आपणा प होगो हो।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
आ बात खासकर बा मिनखा प लागू होवै ह जखा काया की बुरी इंछ्या गेल चालीं हीं। अर परमेसर का अधिकारनै कोनी मानी। बे ढिट अर बादिला हीं, अर अंय्यां का मिनख ईस्बर नगरी की सक्तिया की बुराई करबाऊँ कोनी डरै।