थेई बताओ जखो दुख परमेसर थानै दिओ बिकी बजेऊँ थे कत्ता राजी हो, थे बात का खरा, गळत की भीड़ नइ लेबाळा, परमेसर क डर म रेह्बाळा, म्हारूँ मिलबा की लगन राखबाळा, हिमत राखबाळा अर पापी को न्याय चुकाबाळा होगा। थे अंय्यां कर सगळी बाता म आ दिखा दिआ हो, क थे पबितर हो।
जळबो, नसो करबो, भोगबिलास करबो अंय्यां का ओर बि बोळा काम हीं। जाकै बारां म पेल्या बी म थानै चेता दिओ हूँ अर ओज्यु चेतार्यो हूँ क, अंय्यां का काम करबाळा मिनख परमेसर का राज म वारिस कोनी होसी।