6 अर म्हें आ कोनी चावां क मिनख म्हारो मान करै अर नइ म्हें थारूँ अर दुसराऊँ आदरमान चायो। जदकी म्हें मसी का भेजेड़ा चेला होबा क नातै थारै प हक जमा सका हा।
बे परमेसर की बजाय मिनखाऊँ बेत्ती मान चाता हा।
“म मिनखाऊँ जे-जैकार कोनी ल्युं,
थे कंय्यां बिस्वास कर सको हो? थानै तो एक दुसराऊँ मान-समान भावै ह। पण खाली परमेसरऊँ मिलबाळा मान-समान ताँई थे लापरवा हो।
जखो बी खुदकी मरजीऊँ बोलै ह, बो खुदकी बडाई चावै ह। पण जखो आपका भेजबाळा को मान चावै ह बो सचो ह। अर बिमै बुराई कोनी।
अर मोट्यार लूगाई ताँई कोनी रच्यो गयो पण लूगाई मोट्यार ताँई रची गई ह।
इ ताँई थारूँ दूर होतासोता बी, म आ बातानै थारै ताँई मांडर्यो हूँ। जिऊँ क जद म थारै कनै आऊँ, जणा मनै परबु का दियड़ा हकनै कल्डाई दिखाबा ताँई काम म नइ लेणो पड़ै। ओ हक थानै बणाबा ताँई ह, थानै गेरबा ताँई कोनी।
क्युं क म्हें म्हारो नइ पण ईसु मसी को आ खेर क बोई परबु ह परचार करां हां। अर म्हें ईसु की बजेऊँ खेवां हां क म्हें थारा दास हां।
के म मिनखाऊँ मंजुरी लेबो चाऊँ? मनै इकी जुर्त कोनी! जिकी मनै जुर्त ह बा परमेसर की मंजुरी ह! म मिनखानै राजी करबो कोनी चाऊँ ज म अंय्यां करबो चाऊँ जणा म मसी को सेवक कोनी।
आपानै नइ तो गुमान करबो चाए, अर नइ एक दुसरानै रीस दिवाणो चाए, अर नइ आपसरी म बळोकड़ोपूणो राखबो चाए।
जदकी सुन्नत कराईड़ा खुद तो नेम-कायदानै कोनी मानै, पण थारी सुन्नत इ ताँई कराबो चावै ह क बानै थारी काया की बजेऊँ गुमान होवै क बे थारी सुन्नत कराई ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें जाणा क थे म्हारी मेनतनै जखी म्हें थार ताँई करी अर दुखानै याद राखो हो। अर थानै पक्काई याद होगो क जद म्हें थानै परमेसर को चोखो समचार सुणार्या हा बि टेम का म्हारो पेट भरबा ताँई रात-दिन कंय्यां मेनत करी। क्युं क म्हें थार प म्हारो बोज कोनी लादबो चावा हा।
एक मुखिया क रूप म, जखाबी बिस्वासी मंडळी का मुखिया, चोखो काम करीं बे दुणा मान क जोगा समज्या जावै, खासकर बे जखा परचार अर सीखाबा म घणी मेनत करीं हीं।