जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,
जिऊँ थे परबु जंय्यां चावै ह बंय्यां जी सको अर हर बाता म सदाई परबु मसीनै राजी राख सको। थारै जीवन म भला कामा का फळ लागै अर थे परमेसर का ज्ञान म दिन-दिन बढता रह्यो।
पण थे अंय्यां का मिनख कोनी हो। थे तो परमेसर का टाळेड़ा खास मिनख हो। थे स्याही याजका की टोळी अर पबितर कूणबो हो। एक कूणबो जखो परमेसरऊँ निकळ्यो ह। परमेसर थानै अँधकारऊँ ताजूबभर्या च्यानणा म ल्यायो ह। जणा इब थानै चाए क थे बिकी ताजूबभरी बाता को जखी बो करी ह, हेलो पाड़ो। पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह,
जणाई तो बे बिस्वासी मंडळी क सामै तेरै बारां म आ गुवाई दिनी ह क तू बाऊँ कंय्यां को परेम राख्यो ह। इ ताँई जद तू बानै बिदा करै जणा अंय्यां करजे जिऊँ परमेसरनै मान मिलै।