10 थे खुद अर परमेसर इ बात का गुवा हो क थारै बिस्वास्या म म्हारो भेवार कंय्यां को पबितर, धारमिक अर बेदाग हो।
क्युं क आपानै आपणी करनी गेल फळ मिलर्यो ह, पण ओ लाय तो क्युं कर्योई कोनी।”
अर जद बे बिकै कनै पुग्या जणा बो बानै बोल्यो, “थे तो जाणोई हो की जद म एसिया म पेली बर आयो हो, बि दिनऊँ लेर हाल ताँई मेरो चाल-चलन किसोक रिह्यो ह।
इ ताँई म आज थानै गुवाई देर बोलुँ हूँ क ज थारै मालो कोईबी नास होसी बिकी मेरी जुबाबदारी कोनी।
जणाई तो म बी आई कोसिस करूं हूँ की परमेसर अर मिनखा क सामै मेरी अन्तर-आत्मा साप रेह्वै।
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
अर मेरा खेबा को ओ मतबल थोड़ी ह क म थारूँ परेम कोनी करूं? परमेसर इ बातनै जाणै ह क म थारूँ परेम करूं हूँ।
परमेसर जखो आपणा परबु ईसु को परम-पिता ह, जिकी सदाई जे होती रेह्वै ह, बो जाणै ह क म झूठ कोनी बोलुँ।
म्हें बेसरमी का काम कोनी करां। नइ तो म्हें कपट राखां हां अर नइ झूठी बातानै परमेसर की कर बतावां हां। पण परमेसर क सामै म्हें सच बोलर्या हां अर जखा सचा हीं बेई इ बातनै जाणी हीं।
जणाई म्हें परबु को डर मानर ओरानै परमेसर कानि फिरबा ताँई हिमत बंधावां हां। परमेसर म्हानै जाणै ह, अर म आस करूं हूँ, क थे बी म्हारा बारां म सक्यु जाणो हो।
थे थारा हिया म म्हानै झघा द्यो। म्हें नइ तो कोईकै सागै अन्याय कर्या हां, नइ कोईको क्युं बिगाड़्या हां, अर नइ म्हें कोईको फाईदो उठायो।
क्युं क ओ चोखो समचार थारै कनै बोली रूप मई कोनी पुग्यो पण सक्ति, पबितर आत्मा अर इकै सच की पुक्ताई क सागै पुग्यो ह। जंय्यां थे जाणोई हो क, म्हें थारा भला ताँई थारै मांयनै कंय्यां जिया।
थे इ बातनै सूल जाणो हो क म्हें कदैई लालाचोपड़ी की बाता कोनी करी। अर नइ म्हें अंय्यां की कोई बाता बोली जिऊँ थारो धन लूटां , अर आ बाता को परमेसरई गुवा ह।
थे खुद जाणो हो क थे म्हारी मिसाल प कंय्यां चाल सको हो, क्युं क जद म्हें थारै सागै हा जणा कमारई खाता हा,
तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
पण तू मेरी सीख, भेवार, अर जिंदगी ताँई मेरा मकसदनै मानै ह, तू मेरा बिस्वास, मेरा थ्यावस, मेरा प्यार-परेम, मेरी सेह्बा की सक्ति,
अर जखी बिस्वासी मंडळी थारी देखरेख म ह बिपै जोर मना जमायो। पण बा ताँई सीख बणो।