अर आज म जोक्यु बी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ, अर बिकी दया मेर ताँई बेकार कोनी गई म दुसरा भेजेड़ा चेलाऊँ बढचढ'र मेनत करी ह। पण आ मेरी काबलीयत कोनी आ तो परमेसर की दया ह।
म बठै कोनी जाबो चातो हो पण म बठै परमेसर की इंछ्या की बजेऊँ गयो। अर म बि चोखा समचार क बारां म चुपचाप बठै की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै बतायो जखो म गैर-यहूदि मिनखानै सुणायो हो, क्युं क म अंय्यां कोनी चातो हो मेरी गेलड़ी मेनत बेकार चली जावै।
अर बानै जीवन को चोखो समचार सुणाणो चाए जणा आ सगळी बाता ताँई मनै मसी क ओज्यु आबा का दिन म थार प फकर होसी क चोखा समचारनै फेलाबा ताँई मेरो काम अर भाग-दोड़ अळी कोनी गई।
म्हें इ ताँई बी थारै ताँई परमेसर को धनेवाद करता कोनी रूकां, क जद म्हें थानै परमेसर को चोखो समचार सुणायो हो जणा थे इनै मिनखा कानि को कोनी जाण्या पण परमेसर को जा'णर इनै मान्या अर सच बी ओई ह, इ बजेऊँ परमेसर थारै म जखा बिस्वास करो हो काम करै ह।