जणा अंय्यां सगळा यहूदिआ, गलिल, अर सामरीया की बिस्वासी मंडळ्यानै स्यांती मिली। अर बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी मजबूत होती गई अर परमेसर का गुणगान करती गई। अर पबितर आत्मा का हियावऊँ गिणती म बढती गई अर परमेसर का डर म रेह्ती।
थे केद म पड़्या मिनखा का दुख म दुखी होया, अर थे आ जा'णर क थारै कनै अंय्यां की धन-दोलत ह जखी चोखी अर सदाई रेह्बाळी ह, राजी-राजी थारी धन-दोलत जब्त होबा दि।