ईसु पतरसऊँ बोल्यो, “समोन ओ समोन! मेरी बात सुण! जंय्यां एक किसान ग्युंनै फटकार बिनै तुड़ीऊँ न्यारो करै ह। बंय्यांई थानै सगळानै बिचासबा की हामी सेतान ले लिओ ह।
एक बिस्वासी मंडळी का रूखाळा परधान म आँगळी टेकबा की झघा नइ हो, बिकै एकई लूगाई हो, खुदनै बस म राखबाळो, थ्यावस राखबाळो अर मरियादा म रेह्बाळो, बो आपकै घर म अणजाण की बी आवभगत करै, बो सीखाबा म निधान हो।