2 इको ओ मतबल ह क थे थारा बचेड़ा जीवन भर थारी इंछ्यानै नइ पण जखो परमेसर चावै ह बिनै मानस्यो।
क्युं क जखा बी मिनख मेरा ईस्बर नगरी परम-पिता की इंछ्या गेल चालै ह बेई मेरा सागे भाई-भाण अर माँ ह।”
अर बानै ओडायो, ‘थे माखाळा अँगूरा का बाग म जार काम प लागज्याओ म थानै बाजीब मजुरी देस्युँ।’
बताओ आ दोन्या म कूणसो ह, जखो बाप चाओ हो बो कर्यो?” बे बोल्या, “बडोड़ियो छोरो कर्यो।” जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ, चुंगी लेबाळा अर बेस्या परमेसर का राज म थारूँ पेल्या ज्यासी।
“परबु-परबु करबाळा सगळा मिनख ईस्बर नगरी राज म कोनी ज्यासी। पण जखो बी मिनख ईस्बर नगरी म रेह्बाळा मेरा परम-पिता की इंछ्या गेल चालै ह, बोई बिमै ज्यासी।
जखो परमेसर क कह्या गेल चालै बोई मेरो सागे भाई-भाण अर माँ ह।”
मिनख क हियाऊँ बुरा-बुरा बिचार, कुकरम, चोरी, हत्या,
एक टाबर, जंय्यां मिनखऊँ बिकी इंछ्या गेल जलमै ह, बि तरिकाऊँ जलम'र बे परमेसर का टाबर कोनी बण्या, पण परमेसर की इंछ्याऊँ आत्मिक रूपऊँ जलम लेर परमेसर का टाबर बण्या हीं।
ज कोई मिनख बिकी इंछ्या पूरी करबा ताँई राजी ह। जणा बो जाण ज्यासी क आ सीख मेरै कानिऊँ ह क परमेसर कानिऊँ।
दुनिया की बाता प मना चालो। पण लगातार परमेसरनै थारा मनानै पूरीतर्या बदलबा द्यो। क्युं क अंय्यां होबाऊँ थे परख'र जाणस्यो क परमेसर की काँई इंछ्या ह, काँई चोखो ह, काँई बिनै राजी करै अर काँई सिद ह।
आपणामै कोईसो बी खुद ताँई कोनी जीवै अर नइ खुद ताँई मरै।
अंय्यांई थे थारै ताँई बी सोचो क थे पाप ताँई मरमरागा पण मसी ईसु म परमेसर ताँई जिर्या हो।
कदैई नइ, आपा जखा पाप ताँई मरगा हां, पाप म कंय्यां जिस्यां?
जणा मेरा लाडला बिस्वास्यो सुणो, मसी की काया क जरिए नेम-कायदा ताँई थे बी मरेड़ा हो। जणा इब थे बी ओराऊँ नातो राख सको हो, बिऊँ जिनै मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो गयो जिऊँ आपा परमेसर ताँई फळां-फुलां।
बो सगळा ताँई मर्यो जिऊँ जखा जीवै ह बे खुदका मतबल ताँई नइ जीवै पण बि ताँई जीवै जखो मरेड़ा मऊँ बा ताँई जीवायो गयो ह।
साचली तो आ ह क आपा सगळा बी बाकी जंय्यांई पेल्या बुरी इंछ्या गेल दिन काटर्या हा जखी काया अर मन की इंछ्या होती बिनैई करर्या हा। अर आ सगळा की जंय्यांई आपा बी परमेसर का परकोपनै भोगबा जोगा हा।
इ ताँई परबु का नामऊँ म थानै चेतार्यो हूँ क इब आगैऊँ परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनखा की जंय्यां मना जीवो क्युं क बाकी सोच बुरी ह,
इ ताँई मूरख मना बणो, पण परमेसर थारूँ काँई चावै ह बिनै ध्यानऊँ समजो।
अर बडाई पाबा ताँई देख-दिखावा की सेवा मना करो, पण सगळा मनऊँ परमेसर की इंछ्या गेल मसी का गुलाम की जंय्यां बाकी सेवा कर्या करो।
इ बजेऊँ जनाड़ैऊँ म्हें थारै बारां म सुण्यो हो थारै ताँई अरदास करबो कोनी छोड्यो। म्हें अरदास करां हां क परमेसर थानै बिकी इंछ्या का गेरा ज्ञान अर बि सगळी बुदी अर समजऊँ भरै जखी आत्मिक ह।
थारै मालोई एक ओर ह जिको नाम इफरास ह अर मसी ईसु को दास ह बिकी बी थानै “जे मसी की” पुगै। ओ सदाई थारै ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करै ह जिऊँ थे परमेसर की सगळी इंछ्या म समजदारी अर पूरा भरोसा क सागै खड़्या रेह सको।
हर हाल म परमेसरनै धनेवाद देता रेह्ओ, क्युं क थारै ताँई मसी ईसु म परमेसर की आई इंछ्या ह।
बो आपकी इंछ्याऊँ आपानै सचाई का बचनऊँ पैदा कर्यो ह जिऊँ आपा बिकी बणाएड़ी सगळी सरस्टि म पेलो फळ होवां।
खयो मानबाळा टाबरा की जंय्यां जीओ। पेली थारा जीवन प बुरी इंछ्या को जोर चालतो हो, बंय्यां इब थारा जीवन प बुरी इंछ्या को जोर मना चालबा द्यो।
इ ताँई, थे छळ-कपट, पाखंड, नफरत, बळोकड़ापूणा अर दुसरा प दोस लगाबाऊँ बचर रेह्ओ।
आ दुनिया अर इकी बुरी इंछ्या नास होज्यासी, पण जखो बी मिनख परमेसर की इंछ्या प चालै ह बिको कदैई नास कोनी होसी।