1 जदकी मसी काया म दुख भोग्यो जणा थे बी बिकी लीक प चालता होया जीवन जीओ, क्युं क जखो काया म दुख भोग्यो बिनै पापऊँ छुटकारो मिलगो।
ईसु टुंडा मिनखऊँ बोल्यो, “मिनखा क मांय खड़्यो हो।”
अंय्यांई थे थारै ताँई बी सोचो क थे पाप ताँई मरमरागा पण मसी ईसु म परमेसर ताँई जिर्या हो।
कदैई नइ, आपा जखा पाप ताँई मरगा हां, पाप म कंय्यां जिस्यां?
क्युं क जखो मरगो बो पापऊँ छुटायो गयो।
अर इब म खुद जिंदो कोनी हूँ, पण मसी मेरै म जीवै ह। अर ज म काया म जिंदो हूँ तो बस बि बिस्वासऊँ जिंदो हूँ जखो परमेसर का बेटा प ह, जखो मेरूँ परेम कर्यो अर मेरै ताँई खुदनै दे दिओ।
बे मिनख जखा मसी ईसु का हीं बे आपकी काया की बुरी इंछ्या अर बुरी लालसानै सुळी प चढा दिआ हीं।
इ ताँई परमेसर का सगळा हतियार बांदल्यो जिऊँ जद बुरा दिन आसी जणा दुस्मन का वारा को सामो कर सको, अर आखीर ताँई लड़्या पाछै बी मैदान म डट्या रेह सको।
जंय्यां को सुभाव मसी ईसु को हो, बंय्यांकोई थारो सुभाव होणो चाए:
इ ताँई बिपै ध्यान द्यो, क्युं क बो पाप्याऊँ अंय्यां का विरोध सेलिआ जिऊँ क थे नइ थको अर नइ हार मानो।
क्युं क जखो बी बि अराम म बड़ै ह जिकै बारां म परमेसर करार कर्यो हो, बठै बानै बाका कामाऊँ बी अराम मिलसी जंय्यांकी परमेसर आपका कामानै निमेड़र अराम कर्यो हो।
क्युं क परमेसर थानै भलो करबा ताँई बुलायो ह, चाए पाछै थे भलो करबा ताँई दुखई क्युं नइ उठाओ जंय्यां क मसी थारै ताँई उठाया हा। अंय्यां करबा बेई मसी थारै ताँई नमूनो ह। जणा थानै बी बिकी लीक प चालबो चाए। सास्तर म मंडर्यो ह,
क्युं क मसी सगळा का पाप ताँई एकर मर्यो जखो धरमी होर बी पाप की बजेऊँ दुख भोग्यो जिऊँ आपानै परमेसरऊँ मिलावै। बो काया म मर्यो पण आत्मा म जीवायो गयो।