3 थे इ सोच म मना रेहज्यो क, जद थे बाळ गुथस्यो, सोना का गेणा अर मेंगा गाबा पेरस्यो जणाई सोवणी लागस्यो।
दुनिया की बाता प मना चालो। पण लगातार परमेसरनै थारा मनानै पूरीतर्या बदलबा द्यो। क्युं क अंय्यां होबाऊँ थे परख'र जाणस्यो क परमेसर की काँई इंछ्या ह, काँई चोखो ह, काँई बिनै राजी करै अर काँई सिद ह।
क्युं क बो देखसी क थे परमेसर को आदरमान करो हो अर पबितर चाल-चलन राखो हो।