11 ओ लाडलो, म थानै हात जोड़र खेऊँ हूँ क, थे इ दुनिया म खुदनै परदेसी अर सरणारथी जाणर जीवन जीओ। अर पाप करबा की बुरी इंछ्याऊँ खुदनै बचार राखो, जखी थारै आत्मा क खिलाप लड़ै ह।
“इ ताँई चेता म रेह्वो, कदै अंय्यां नइ होज्या क थे तो लाग्या रेह्वो पीबा-खाबा अर आटा चून की चिंत्या म अर बो दिन थार प फंदा की जंय्यां आ पड़ै।
पण बानै आ जरूर मांडर भेज्या क बे मूरत्या प चढाईड़ी चिज नइ खावै अर पराई लूगाया क सागै गळत काम नइ करै अर गळो मोसेड़ो मास नइ खावै अर नइ लोय पिवै।
क थे मूरत्या प चढाईड़ी चिजा, गळो मोसेड़ा मास, लोयऊँ अर पराई लूगाया क सागै गळत कामाऊँ परै रेहज्यो, अर थारो भलो होवै।”
इ ताँई मेरा लाडला बिस्वास्यो मेरी अरदास ह क, परमेसर जखी दया आपणा प दिखाई ह। बिकी बजेऊँ थारी कायानै पबितर अर जीवती भेंट चढावा क रूप म परमेसरनै चढा द्यो जखी बिनै राजी करै। क्युं क बिनै ध्यारबा को ओई सचो अर सई तरिको ह।
पण म मेरी काया म ओरई नेम-कायदानै काम करता देखूँ हूँ जखो मेरी सोच प राज करबाळा नेम-कायदाऊँ लड़ै ह। अर मनै पाप का नेम-कायदा को केदि बणा लेवै ह, अ नेम-कायदा मेरी काया म काम करै ह।
क्युं क ज थे इ नसबर काया का सुभाव गेल जीओ जणा मरस्यो। पण ज थे पबितर आत्माऊँ काया का सुभावनै मार द्यो जणा जिस्यो।
म्हें मसी ताँई ओ काम करां हां। अर थे आ मानो की परमेसर म्हारै जरिए थानै चेतावै ह। इ ताँई म्हें मसी क कानिऊँ थारूँ हात जो'ड़र खेवां हां क थे परमेसरऊँ मेळमिलाप करल्यो।
परमेसर का संगी होबा क नातै म्हें थानै समजावां हां क परमेसर की दया थार प होई ह बिनै बेकार मना जाबाद्यो।
लाडला भाईड़ो जदकी आपणै कनै परमेसर का करेड़ा अ करार ह। इ ताँई आपानै परमेसर को डर मानर काया अर आत्मानै सूगली चिजाऊँ दूर राख'र पबितर राखबो चाए।
बे मिनख जखा मसी ईसु का हीं बे आपकी काया की बुरी इंछ्या अर बुरी लालसानै सुळी प चढा दिआ हीं।
इ ताँई इब थे परमेसर की नजर्या म बारला कोनी हो, पण परमेसर का मिनखा क सागै परमेसर का घरबार का बणग्या हो।
इ ताँई म, जखो परबु की सेवा ताँई केदि हूँ थारूँ आ अरदास करूं हूँ क जखा हेलाऊँ थानै बुलायो गयो हो बिकै जोगीई चाल चालो,
जुवानी की बुरी इंछ्याऊँ भाज अर जखा पबितर मनऊँ परबु को नाम लेवीं हीं बाकै सागै खुदनै धरम, बिस्वास, परेम अर मेळमिलाप क सागै संगरो राख।
अ सगळा बिस्वास क सागैई मर्या। अर आ मिनखानै बे चिजा कोनी मिली जाको बादो कर्यो गयो हो पण अ बानै दूरऊँ देखर राजी होया। अर बे मान लिआ क बे इ जगत म अणजाण अर परदेसी ह।
लाडलो, म्हें अंय्यां बोलर्या तो हां पण म्हानै बिस्वास ह क थारै सागै छुटकारा क बारां म ओर बी चोखो-चोखो होवै।
थारै मांयनै राड़ अर कळै कठैऊँ आगी? अंय्यां होबा की बजे थारी बुरी इंछ्या ह जखी थारै मांयनै राड़ अर कळै करावै ह।
म ईसु मसी को भेजेड़ो चेलो पतरस, आ चिठी परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै मांडूँ हूँ। जखा पिन्तुस, गलातिया, कपुदूकिया, एसिया अर बितूनिया परदेसा म तीनतेरा होगा।
थे बिनै, “परम-पिता” खेर हेलो द्यो हो, इकै वावजुद बी बो थारा कामा को दोगलापुणाऊँ न्याय कोनी करै। क्युं क बिकी नजर्या म सगळा मिनख बराबर ह अर बो सगळा को न्याय बाकै करमा गेल करै ह। जणा थे थारा इ जीवन म बिकै खया प चालो क्युं क थे इ धरती प परदेसी की जंय्यां हो।
ओ मेरा लाडलो, थारो बिचास्यो जाबो लाय प चालबा की जंय्यां ह, पण थे इऊँ ताजूब मना करो क थारै सागै क्युं अनोरो होर्यो ह।
इको ओ मतबल ह क थे थारा बचेड़ा जीवन भर थारी इंछ्यानै नइ पण जखो परमेसर चावै ह बिनै मानस्यो।
ओ लाडलो, आ मेरी दुसरी चिठी ह जखी म थानै मांडी ह, अर म मेरी आ दोन्यु चिठ्या म थानै याद दिवायो हूँ क थानै पबितर हियो राखबो चाए।