6 इ बात की बजेऊँ थे राजी रेह्ओ, पण क्युंक टेम ताँई थारो भात-भातऊँ बिचास्या जाबाऊँ दुखी होबो बी जरूरी ह।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “हे आखता होयड़ो अर बोजऊँ दबेड़ा मिनखो मेरै कनै आओ म थानै अराम देस्युँ।
ईसु आपकै सागै पतरस अर जब्दि का दोन्यु छोरा याकूब अर यहून्नानै लेगो। ईसु बोळो दुख-दुबळो होर्यो हो।
जणा थे राजी होज्यो क्युं क ईस्बर नगरी म थानै इको फळ मिलसी। क्युं क बे तो परमेसर की खेबाळानै बी जखा थारूँ पेली हा बानै बी अंय्यांई सताया हा।
अर मेरी आत्मा मनै बचाबाळा परमेसर म राजी ह।
पण इ बात प राजी मना होवो की ओपरी बलाया थारै बळ म ह पण इ बात प राजी होवो की थारा नाम ईस्बर नगरी म मंडर्या हीं।”
जणा बो ईस्बर नगरी दुत बाऊँ बोल्यो, “डरो मना म थानै चोखो समचार सुणाऊँ हूँ, जखो सगळा मिनखा ताँई होसी।
ठिक बंय्यांई थे सगळा बी दुखी हो पण म थारूँ ओज्यु मिलस्युं जणा थारा हिया राजी होसी अर थारी खुसी थारूँ कोई कोनी खोससी।
“म अ बाता थारूँ इ ताँई बोल्यो क थानै स्यांती मिलै। जगत म तो थानै दुखई मिल्यो ह पण हिमत राखो म जगतनै जीत लिओ हूँ।”
अर चेलानै समजाता अर हिमत बंधाता हा क, “बिस्वास म बण्या रेह्ओ अर परमेसर का राज म बड़बा ताँई आपानै बोळा दुख भोगणा पड़सी।”
आस म राजी रेह्ओ, पिड़ा म थ्यावस राखो, लगातार अरदास करता रेह्ओ।
ओई नइ, पण इब परबु ईसु मसी क जरिए जिकी बजेऊँ आपणो मेळमिलाप परमेसरऊँ होयो ह, परमेसर म गुमान करां हां।
बिस्वास की बजेऊँ बो आपानै परमेसर की दया म ल्यायो जिमै आपा इब जिर्या हां अर परमेसर की मेमा की आस प गुमान करां हां।
क मनै बोळो बडो दुख ह, अर मेरा मन म पिड़ा ह।
अर ओ स्यातेक को कळेस आपणा ताँई जुग-जुग की मेमा लेर आसी जिकै सामै ओ स्यातेक को कळेस क्युंई कोनी।
म्हारा हिया म पिड़ा ह पण म्हें सदाई राजी रेह्वां हां, म्हें कंगला की जंय्यां दिखां हां पण ओरानै पिसाळा बणा देवां हां, म्हें रिता हात दिखां हां पण म्हारै कनै सक्यु ह।
पण पबितर आत्मा का फळ परेम, खुसी, स्यांती, थ्यावस, दया, भलाई, बिस्वास,
बो थानै देखबा की चिंत्या राखै ह। अर बो बोळो उदास ह, क्युं क थे बिकी बिमारी क बारां म सुण्या हो।
क्युं क सची सुन्नतहाळा तो आपाई हां बे कोनी, क्युं क आपा परमेसरनै बिकी आत्माऊँ ध्यारां हां अर आपा इ जगत की बाता प नइ पण मसी ईसु प गुमान करां हां।
परबु को संगरो राख'र सदाई राजी-खुसीऊँ रेह्ओ, म ओज्यु थानै खेऊँ हूँ, राजी-खुसीऊँ रेह्ओ।
थे कळेस क बावजुद बी पबितर आत्मा का दियड़ा आनंद क सागै परमेसर का बचननै मानर म्हारी अर परबु की जंय्यां चालबाळा बणग्या।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, जद थे भात-भातऊँ बिचास्या जाओ जणा राजी होज्यो,
दीन हीन बिस्वासी भाईड़ो गुमान करो क्युं क परमेसर थानै उठायो ह।
सोक मनाओ, रोओ अर दुखी होवो। थारा हसबानै सोक म अर थारी खुसीनै उदासी म बदलल्यो।
अर ज परमेसर की इंछ्या ह क थे भलाई करबा की बजेऊँ दुख भोगो, जणा बुराई करबाऊँ तो चोखो दुख भोगबो ह।
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
परमेसर जखो दया को दाता ह। बोई थानै मसी म जुग-जुग ताँई आपकी की मेमा ताँई बुलायो ह। अर थारै थोड़ोसोक दुख भोगबा क पाछै बो खुदई थानै मजबूत, ताकतबर अर पक्को बणासी।