4 पण आपाँने बंचाबावाळा परमेसर की करपा अन परेम मनक का वाते परगट करियो ग्यो,
अन मारी आत्मा मने बंचाबावाळा परमेसरऊँ राजी हे।
कई थूँ वींकी दया अन वींकी सेण समता अन धिरजपणा ने बेकार हमजे हे? अन कई थूँ ओ ने जाणे हे के, परमेसर की दया थने पापऊँ मन फेरवा का आड़ी ले जावे हे।
मूँ पोलुस, आपाँने बंचाबावाळा परमेसर अन आपणी आस का आदार ईसू मसी की आग्याऊँ ईसू मसी को थरप्यो तको चेलो बण्यो,
अस्यान परातना करणी हव हे अन आपणाँ ने बंचाबावाळा परमेसर ने भावे हे।
आपाँ ईं वाते मेनत अन कोसीस करा हाँ, काँके आपणी आस जीवता परमेसर में हे, जीं हाराई ने, खासतोरऊँ विस्वास्याँ ने बंचाबावाळो हे।
पण अबे आपणाँ ने बंचाबावाळा ईसू मसी का आबा का आड़ीऊँ आपणाँ पे परगट व्यो हे। जणी हव हमच्यार का आड़ीऊँ मोत को नास करन जुग-जुग का जीवन ने परगट किदो हे।
अन सई टेम पे परमेसर वीं हमच्यार ने परच्यार में परगट किदो हे, ज्यो मने हूँप्यो ग्यो अन बंचाबावाळा परमेसर की आग्याऊँ मूँ ईंको हेलो पाड़ू हूँ।
यद्याँ अस्यान वेतो तो दनियाँ का रचनाऊँ लेन वींने आकोदाण दुक जेलणो पड़तो, पण अबे जुग का अन्त में वो एकीस दाण परगट व्यो हे, ताँके आपणाँ बलीदानऊँ पाप ने छेटी कर दे।
काँके जस्यान पुवितर सास्तर में लिक्यो तको हे के, “अबे थाँने पतो लागग्यो हे परबू थाँका वाते करता दयाळू हे।”