माँ आ बात मेपणोऊँ अन साप हरदाऊँ के सका हाँ के, माँ ईं दनियाँ का हाते अन खासतोरऊँ थाँका हाते परमेसर की दया के जस्यान चाल्या हा अन हव तरियाऊँ अन हाँच का हाते चाल्या हा ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ मले हे ईं दनियाँ की अकलऊँ ने मले हे।
परमेसर का बचनाँ को वोपार करबावाळा नरई मनक हे वीं आपणो नफो छावे हे पण माँ अस्यान ने हाँ। माँ तो परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका मनक का जस्यान मसी ने हाते लेन, हाँचऊँ बोला हाँ।
आपाँ वणा काम ने जणीऊँ हरम आवे हे, वाँने कोयने कराँ हाँ। अन ने आपाँ कपट राका हाँ अन नेई आपाँ परमेसर का बचन में गाल-गसोळ करा हाँ। पण आपाँ तो हाँच ने खुला रूपऊँ लोगाँ का हामे बतावा हाँ अन परबू का हामे खुद खरा बणा हाँ।
अन जिंको हव काम करबा में नाम मान्यो तको वे, अन ज्या आपणाँ बाळकाँ ने हव तरिया पालण किदो वे, जणी अणजाण की भी सेवा किदी वे, परमेसर का लोगाँ की आपणाँ घर में आवभगत किदी वे, दकी मनकाँ की मदत किदी वे, अन जणी खुद हाराई भला काम करबा में आपणो मन लगायो वे।
आ हाँची बात हे। मूँ छावूँ हूँ के, अणी मामला में थूँ खासतोर जोर देन के, जणीऊँ परमेसर पे विस्वास करबावाळा भला काम करता रेवे। ईं बाताँ मनकाँ का वाते हव अन नफा की हे।