5 वीं खुद पे काबू राकबावाळी, पुवितर, भली अन आपणाँ धणी का क्या में चालबावाळी, घर ने बणाबावाळी हव लुगई वे, जणीऊँ कुई भी परमेसर का नकेऊँ आबावाळा हमच्यार का बारा में बुरा ने बोले।
तो पतरस वाँकी लारे परोग्यो। जद्याँ पतरस वटे पूगो, तो वे वींने ऊपरे वीं ओवरा में लेग्या जटे हारी राडी-बायाँ रोती-धोती तकी वे गाबा-छींतरा बताती तकी च्यारूँमेर भेळी वेगी, जो गाबा वे तबीता नाम की चेली बणाया हा, जद वाँ वाँके हाते ही।
लुगायाँ ने विस्वास्याँ की मण्डळ्याँ में छानो रेणो छावे, काँके वाँने बोलबा को अदिकार कोयने, पण वाँने अदीन रेणो छावे, जस्यान मूसा का नेमा में लिक्यो ग्यो हे।
अन जिंको हव काम करबा में नाम मान्यो तको वे, अन ज्या आपणाँ बाळकाँ ने हव तरिया पालण किदो वे, जणी अणजाण की भी सेवा किदी वे, परमेसर का लोगाँ की आपणाँ घर में आवभगत किदी वे, दकी मनकाँ की मदत किदी वे, अन जणी खुद हाराई भला काम करबा में आपणो मन लगायो वे।