के, थाँ वींकी ईं तरियाऊँ आवभगत करज्यो, जणी तरियाऊँ परमेसर का मनकाँ की किदी जावे हे। वींने थाँकाऊँ ज्या भी मदत छावे, वाँ मदत वींने दिज्यो, काँके वणी घणा मनकाँ की मदत किदी अन मारी भी मदत किदी।
परमेसर का काम ने आपणाँ हाताँ में लेबा का वाते एक मण्डली का परदानाँ में ओ जरूरी हे के, वींमें एक भी खोट ने वेणी छावे। वीं ने तो घमण्डी वेवे, ने फटाकऊँ गुस्सो करबावाळा वेवे, नेईं पियावाळा, ने लड़ायाँ करबावाळा अन नेई रिप्या-कोड़ी का लालची वेवे।
अबाणू तईं तो थाँने हिक देबावाळा बण जाणो छावतो हो, पण थाँने अबाणू भी एक अस्या मनक की जरूत हे ज्यो थाँने सरूऊँ परमेसर की हिक की सरुवात की बाताँ हिकावे। थाँके तो अबाणू रोटी ने, बेस दूद की जरूत पड़री हे।
पण मने थाँरा विरोद में ओ केणो हे, थूँ इजेबेल नाम की वीं लुगई ने थाँरा बचमें में रेवा देवे हे, वाँ खुद ने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळी बतावे। वाँ आपणी हिकऊँ मारा दासाँ ने कुकरम करबा अन मूरताँ पे चड़ायो तको चड़ावो खाबा वाते उकसावे हे।