जद्याँ वो परमेसर का हामे सई ठेराबावाळी, सबर अन आगे लोगाँ पे आबावाळा न्याव का बारा में केरियो हो, तो फेलिक्स दरपतो तको जवाब दिदो, “अबाणू तो थूँ जा, मोको मली तो मूँ थने पाछो बलाऊँ।”
एक मण्डली को परदान बना दोसवाळो वेणो छावे, वींके एकीस लुगई वे, खुद ने बंस में राकबावाळो, धीरज करबावाळो अन मरयादा में रेबावाळो, वो आपणाँ घर में अणजाण की भी आवभगत करे, वो हिकावाबाळा वेवे।
काँके आपाँ मोतऊँ निकळ अनंत जीवन पाबा का वाते आग्या हा। ईंके वजे आ हे के, आपाँ आपणाँ भायाँऊँ परेम करा हा। ज्यो भी मनक परेम ने करे, वो अबे भी मोत को गुलाम हे।