पण अबे तो थाँ परमेसर ने जाणग्या हो अन परमेसर थाँने ओळक लिदा हे, तो थाँ दनियाँ की कमजोर अन हूंगळी बाताँ का आड़ी पाच्छा काँ जावो हो? अन थाँ पाच्छा काँ वींका दास बणणा छारिया हो?
ध्यान राकज्यो, के थाँ वणी बोलबावाळा ने मती नकार ज्यो। काँके जणी धरती पे चेतावणी दिदी ही, वींने नकारन वीं बंच ने सक्या, तो यद्याँ आपाँ वींने नकार देवा, ज्यो आपाँने हरगऊँ चेतावणी देरियो हे, तो आपाँ कदी दण्डऊँ बंच ने सका।
वाँके हाते तो वस्यानीस घटी जाई जस्यान के, वणा हाँची केवता में क्यो ग्या हो के “गण्डकड़ो आपणी उल्टी का नकेईस पाछो आवे हे” अन “अस्यानीस हापड़्यो तको हूर पाच्छा कादा में लोटबा का वाते कादा में जावे हे।”