“ईं वाते ज्यो कुई अणा फोरीऊँ फोरी आग्या मेंऊँ कणी एक ने भी तोड़े अन वस्यानई मनकाँ ने हिकावे तो वींको हरग का राज में मान ने वेई, पण ज्यो कुई अणा आग्या को पालण करी अन वाँने हिकाई तो वो हरग का राज में मान पाई।
वणा मनकाँ परमेसर का ग्यान ने ओळकणो किमती ने हमज्या, ईं वाते परमेसर भी वाँने वाँकी फालतू मरजी का जस्यान छोड़ दिदा। अन वीं हूँगला काम करबा लागग्या, ज्याँने करणा सई ने हे।
काँके जद्याँ आपाँ परमेसर का दसमण हा। तो परमेसर आपणाँ बेटा की मोतऊँ आपणो मेल-मिलाप खुदऊँ किदो। अन जद्याँ अबे आपणाँ मेल-मिलाप वेग्यो हे तो वाँका जीवनऊँ आपाँ काँ ने बंचाया जावा?
पण देह को मनक परमेसर की आत्मा की बाताँ गरण ने करे, काँके वीं बाताँ वींकी देकणी में बेण्डापणा की बाताँ हे अन ने वो वाँने जाण सके हे काँके वाँ बाताँ की परक आत्मिक रितऊँ वेवे हे।
ज्यो यहूदी ने हा वाँने ईसू में बंचाबा का वाते मूँ वाँके जस्यान बण्यो वो भी नेमा का विरोद में, ईंको यो मतलब ने की मूँ परमेसर का नेमाने ने मानूँ हूँ, पण मूँ तो मसी का नेमा के जस्यान जीवूँ हूँ।
कुई मनक दया को दिकावो करन हरग-दुताँ की पुजा करन थाँने थाँका फळऊँ छेटी ने कर दे। अस्यान मनक देकी तकी बाताँ में लाग्या तका रेवे, अन आपणी दनियादारी की हमज ने बेकार में फुलावे अन बड़ावे हे।
हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।