5 काँके ज्यो आपणी देह जस्यान जीवन जीणो छावे हे, वाँको मन देह की मरजी में लागी तकी रेवे हे। पण ज्यो आत्मा का जस्यान जीवन जीणो छावे हे, वाँको मन जस्यान आत्मा छावे वस्यी बाताँ में लागी रेवे हे।
पण, ईसू पाच्छे फरन आपणाँ चेला ने देक्या अन पतरस ने तापड़ता तका बोल्या, “सेतान, माराऊँ छेटी वेजा। थाँरो होचणो परमेसर का आड़ीऊँ कोयने, पण मनकाँ का जस्यान हे।”
पण यद्याँ हाँची में थाँकामें परमेसर की आत्मा वास करे हे तो थाँ देह की मरजी का जस्यान ने जीवो, पण आत्मा का जस्यान जीवो। यद्याँ किंमें ईसू मसी की आत्मा ने हे तो वो मसी को ने हे।
पण देह को मनक परमेसर की आत्मा की बाताँ गरण ने करे, काँके वीं बाताँ वींकी देकणी में बेण्डापणा की बाताँ हे अन ने वो वाँने जाण सके हे काँके वाँ बाताँ की परक आत्मिक रितऊँ वेवे हे।
अन परमेसर खासकर वणा मनकाँ ने दण्ड देई, जीं बुरी मनसा का गेले चालन देह का जस्यान चाले हे अन परमेसर की माहनताऊँ नपरत करे हे। अस्यान का मनक बेकार अन टगीला हे अन ईं हरग की ताकता को भी अपमान करबाऊँ भी ने दरपे हे।