20 ओ जग खुद की मरजीऊँ ने पण ईंने बणाबावाळा की मरजीऊँ ने फलबा का अदिकार में ईं आसऊँ किदो ग्यो हे
काँके आपाँ जाणा हा के, अबाणू तईं हारी दनियाँ बाळक जणवा की पिड़ा का जस्यान तड़पन गा कररी हे।
काँके अणीस आस में आपणो छुटकारो व्यो हे। यद्याँ आपाँ जिंकी आस करा हा अन वींने देक ला, तो वाँ आस ने रेवे हे। ज्यो दिकरियो हे, वींकी आस कूण कर सके हे?