“मूँ अंगूरा की वेलड़ी हूँ, थाँ डाल्याँ हो, ज्यो मारा में बणी रेवे हे अन मूँ वाँमें वाँ हेला फळ देवे हे। काँके माराऊँ न्यारा वेन थाँ कई भी ने कर सको हो।
मूँ वाँका में अन थाँ मारा में वेवो, जणीऊँ वीं पुरी तरियाऊँ आपाँ में एक वे जावे। अन दनियाँ जाणे के, थाँ मने खन्दायो हे, अन जस्यान थाँ माराऊँ परेम किदो वस्यानीस वाँकाऊँ भी परेम करो हो।
ओ देकबा का वाते के, थाँ विस्वास का हाते जीरिया हो खुद ने परको। अन खुद की जाँच पड़ताल करो कई थाँ खुद ने जाणो के, ईसू मसी थाँका मयने हे। यद्याँ अस्यान ने वेतो तो थाँ जद्याँ परक्या ग्या हाँ तद्याँ खरा ने ने निकळता।
मूँ अबे जीवतो कोयने हूँ, पण मूँ ईसू मसी में जीवतो हूँ अन मूँ अणी देह में जीवतो हूँ तो बेस ईसू पे विस्वास करबा का मस जीवतो हूँ, ज्यो परमेसर को बेटो हो अन वणी माराऊँ अतरो परेम किदो के, आपणाँ खुद ने मारा वाते दे दिदो।
अन मूँ वाँका हाते गट-जोड़ऊँ जी सकूँ। मूँ मूसा का नेमा को पालण करबाऊँ परमेसर का हामे सई ने हूँ, पण ईसू मसी पे विस्वास करबाऊँ परमेसर का हामे सई हूँ। अबे परमेसर केवे हे मूँ वाँका हामे सई हूँ, काँके मूँ विस्वास करूँ हूँ।
वाँ बात परमेसर जिंका पे परगट करणो छारिया हो, वाँने ध्यान वीं जावे के, वीं परमेसर की मेमा को मोल हाराई मनकाँ में कई हे, अन वाँ बात आ हे के, मसी ज्यो मेमा की आस हे वाँ थाँकामें बणी तकी रेवे हे।
काँके परबू खुद हरगऊँ उतरी अन वीं टेम परदान हरग-दुत को जोरको आदेस हुणाई अन परमेसर को वाक्यो बजायो जाई अन मसी में विस्वास करता तका जतरा मरग्या, वीं पेल्याँ जीवता वे जाई।
अन पाठव्या की आणन्द की सबा में मतलब जणा विस्वास्याँ का नाम हरग में लिक मेल्या हे अन हाराई को न्याव करबावाळा परमेसर का नके अन सिद बण्या तका धरमिया की आत्मा का नके,
जद्याँ मूँ अस्यान बोलरियो हो के, तद्याँ हरगऊँ आ अवाज हुणई, “ईंने लिकी ले। ज्यो परबू की सेवा करता करता मरे हे वीं धन्न हे।” आत्मा केवे हे के, “वीं आपणाँ कामाँऊँ आराम पाई, अन वाँका काम वाँके हाते हे।”