मूँ आपणाँ परबू ईसू मसीऊँ परमेसर को धन्नेवाद करूँ हूँ। काँके मूँ ईं हाड़क्या माँस की देह में पाप को दास हूँ, पण मूँ मारी अकलऊँ परमेसर का नेमा को दास हूँ।
काँके जद्याँ आपाँ मनकाँ का हाव-भाव का जस्यान जीरिया हा, तो आपणी पापऊँ भरी मरजी ज्या नेमाऊँ अई ही, वाँ आपणाँ अंगा में काम करबा लागगी। जणीऊँ आपणो अंत मोत वेवे,
काँके मसी ने मानबाऊँ पेल्याँ आपाँ भी बना ग्यान का, केणो ने मानबावाळा, भटक्या तका अन हरेक तरियाँ की मो-माया का गुलाम हाँ। आपणो जीवन बुरई अन मेपणाऊँ भरियो हे। अन आपाँ एक-दूजाऊँ दसमणी राकता हाँ।