16 अन यद्याँ मूँ वोईस करूँ हूँ ज्यो मूँ ने करणो छारियो हूँ। तो मूँ मान हूँ के, नेम सई हे।
ईं वाते वीं नेम पुवितर हे, अन आदेस पवितर, धरमी अन सई हे।
काँके आपाँ जाणा हा, नेम आत्मिक हे, पण मूँ हाड़क्या माँस को मनक हूँ ज्यो पाप की गुलामी करबा का वाते वक्यो तको हे।
काँके मूँ मारी अंतर-आत्मा का मयने तो परमेसर का नेमाऊँ घणो राजी रेवूँ हूँ।
आपाँ जाणा हाँ के, यद्याँ कुई मूसा का नेमा ने सई तरियाऊँ काम में लेवे, तो वीं घणा हव हे।