12 ईं वाते वीं नेम पुवितर हे, अन आदेस पवितर, धरमी अन सई हे।
अबे ओर ईं दनियाँ का गेला पे मती चालो, पण थाँका मना ने नवा करन खुद ने बदल लेवो, जणीऊँ थाँ परमेसर की मरजी ने परको अणजाण सको हे, मतलब ज्यो हव अन ज्यो वींने भावे हे अन ज्यो सिद हे।
तो कई, आपाँ विस्वासऊँ नेमा ने मानणा छोड़रिया हा। कदी अस्यान ने करा हा, पण आपीं तो नेमा ने ओरी पकड़या राका हा।
काँके आपाँ जाणा हा, नेम आत्मिक हे, पण मूँ हाड़क्या माँस को मनक हूँ ज्यो पाप की गुलामी करबा का वाते वक्यो तको हे।
अन यद्याँ मूँ वोईस करूँ हूँ ज्यो मूँ ने करणो छारियो हूँ। तो मूँ मान हूँ के, नेम सई हे।
आपाँ जाणा हाँ के, यद्याँ कुई मूसा का नेमा ने सई तरियाऊँ काम में लेवे, तो वीं घणा हव हे।