पछे मनक को पूत दूजाँ का जस्यान खातो-पितो आयो अन वीं केवे हे के देको, ‘यो खवगड़्यो अन दारुड़्यो हे, कर लेबावाळा को अन पाप्याँ को गोटी हे।’ पण परमेसर का ग्यान पे चालबावाळा आपणाँ करमाऊँ वींको ग्यान हाँचो साबत वेवे हे।”
जस्यान के एक ब्याव किदी तकी लुगई ब्याव का नेमा का जस्यान आपणाँ धणी का हाते वींके जीवतो रेवा तईं बन्धन में बन्दी तकी हे, यद्याँ वींको धणी मर जावे तो, वाँ ब्याव का हाराई नेमाऊँ आजाद वे जावे हे।
हो मारा भायाँ हुणो, मसी की देहऊँ थाँ भी मूसा का नेमा का वाते मरग्या हो। तो अबे थाँ कणी दूजाऊँ जुड़ सको हो, वणीऊँ जिंने मरिया तकाऊँ पाछो जीवतो किदो हे। जणीऊँ आपाँ परमेसर का वाते फला फूला।