पतरस वाँने क्यो, “मन ने बदलो अन आपणाँ पापाँ की मापी के वाते थें हारई ईसू मसी का नामऊँ बतिस्मो लेवो। परमेसर थाँने पापाऊँ मापी देई अन थाँने पुवितर आत्मा को दान मल जाई।
कई थाँने ओ ने पतो कई, जद्याँ थाँ किंका हाताँ में खुद ने दास का जस्यान हूँपो हो, तो थाँ वाँकी आग्या मानबा का वाते वाँका दास हो। तो पछे पलई थाँ पाप का दास बणो ज्यो मोत का आड़ी ले जावे हे अन पलई आग्या मानबावाळा बणो, ज्याँ थाँने धारमिकता का आड़ी लेजाई।
अन यद्याँ मरिया तका पाच्छा जीवता ने वेवे, तो वीं मनक कई करी ज्याँने मरिया तका का वाते बतिस्मो दिदो ग्यो हो? अन वीं मरिया तका पाच्छा जीवताई ने वेई तो काँ मनक वाँका वाते बतिस्मो लेवे हे?
कई थाँ ने जाणो हो के, थाँकी देह पुवितर आत्मा को मन्दर हे, ज्यो थाँकामें बसी तकी हे अन थाँने परमेसर का आड़ीऊँ मली हे अन वाँ थाँकी खुद की ने हे। थाँ खुदऊँ ने पण परमेसर का हो।
कई थाँ ने जाणो हो के, बुरा मनक परमेसर का राज का वारिस ने वेई? धोको मती खावो अन ने गलत वेवार करबावाळो बण, ने मूरताँ पूजो, ने कुकरम, ने मनक मनक का हाते हुगलो काम करे,
कई थाँ ने जाणो के, ज्यो मनक मन्दर में सेवा करे हे, वीं आपणो खाणो मन्दरऊँइस खावे हे अन ज्यो वेदी पे बली चड़ाबा की सेवा करे हे, वो वीं वेदी की चड़ई तकी चिजाँ को हिस्सेदार हे।
ओ देकबा का वाते के, थाँ विस्वास का हाते जीरिया हो खुद ने परको। अन खुद की जाँच पड़ताल करो कई थाँ खुद ने जाणो के, ईसू मसी थाँका मयने हे। यद्याँ अस्यान ने वेतो तो थाँ जद्याँ परक्या ग्या हाँ तद्याँ खरा ने ने निकळता।
हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।
वो पाणी भी बतिस्मा का जस्यान हे, जणीऊँ अबे थाँ बंचाया जावो हो। अणी बतिस्मा को मतलब यो कोयने के, देह को मेल धोयो जावे, पण मन ने पुवितर करन खुद ने परमेसर का आड़ी फेरणो वेवे हे, काँके ईसू मसी मरिया तका मेंऊँ पाच्छा जीवता किदा ग्या हा।