20 काँके थाँ जद्याँ पाप का दास हा, तो धारमिकता को थाँका पे कुई जोर ने हो।
“कुई भी मनक एक लारे दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे, काँके वो एकऊँ दसमणी अन दूजाऊँ लाड़ राकी कन एकऊँ मल्यो रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन-दोलत दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।
ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँकाऊँ हाँची केवूँ हूँ, ज्यो कुई पाप करे हे, वो पाप को गुलाम हे।