कई थाँने ओ ने पतो कई, जद्याँ थाँ किंका हाताँ में खुद ने दास का जस्यान हूँपो हो, तो थाँ वाँकी आग्या मानबा का वाते वाँका दास हो। तो पछे पलई थाँ पाप का दास बणो ज्यो मोत का आड़ी ले जावे हे अन पलई आग्या मानबावाळा बणो, ज्याँ थाँने धारमिकता का आड़ी लेजाई।
आपाँ ईं देह में रेता तका बोजऊँ टसका लेरिया हाँ, ईंकी वजे आ हे के, आपाँ आपणी देह ने बदलणी ने छावाँ पण ईं देह में हरग को जीवन जीवणो छावाँ हाँ जणीऊँ ज्यो मरबा को जीवन हे वो जुग-जुग को जीवन वे जाई।
पेल्याँ आपाँ हारई भी वाँके जस्यान आपणाँ डील की हुगली मनसा के जस्यान दन बिताता हा, डील अन मन की मरजी पुरी करता हा अन दूजाँ लोगाँ के जस्यान परमेसर का दण्ड के जोगा हा।
काँके मसी ने मानबाऊँ पेल्याँ आपाँ भी बना ग्यान का, केणो ने मानबावाळा, भटक्या तका अन हरेक तरियाँ की मो-माया का गुलाम हाँ। आपणो जीवन बुरई अन मेपणाऊँ भरियो हे। अन आपाँ एक-दूजाऊँ दसमणी राकता हाँ।
हे मारा प्यारा भायाँ-बेना, थाँ जो ईं दनियाँ का मयने बारवासी मनकाँ के जस्यान हो, थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ पाप करबा की बुरी मरजीऊँ खुद ने बंचान राकज्यो, ज्या थाँकी आत्माऊँ लड़ती रेवे हे।