19 जस्यान एक मनक के आदेस ने मानबा की वजेऊँ घणा मनक पापी व्या, वस्यानीस एक मनक का आदेस मानबा की वजेऊँ घणा मनकाँ ने परमेसर सई ठेराई।
काँके परमेसर हाराई मनकाँ ने आग्या ने मानबा की कोटड़ी में गेर मेल्या हे के, वीं वाँका पे दया करे।
जस्यान के एक मनक आदम का मस धरती पे पाप अन पापऊँ मोत अई अन वस्यानीस मोत हाराई मनकाँ पे अई हे काँके हाराई पाप किदो।
पण परमेसर को वरदान आदम का पाप का जस्यान को ने हो। वरदान तो वणीऊँ घणी मान हे। एक मनक आदम का पाप की वजेऊँ घणा मनकाँ की मोत वीं हे, पण एक मनक ईसू मसी की दया की वजेऊँ मल्यो परमेसर की दया को वरदान घणा मनकाँ का वाते भरपूर हे।
जस्यान एक पाप की वजेऊँ हाराई मनकाँ पे दण्ड आयो, वस्यानीस एक धरम का काम की वजेऊँ हाराई ने अनंत जीवन देबावाळी धारमिकता मले हे।
अन जणी कदीई पाप ने किदो वींने परमेसर आपणाँ पापाँ का वाते बली बणायो जणीऊँ आपाँ परमेसर का हामे सई मान्याँ जावाँ।
वाँके मेमाऊँ भरी करपा की बड़ई वे, वाँ करपा माने वींका लाड़ला पूतऊँ मली।
खुद ने नरम करन मोत वेबा तईं आग्या को पालण करतो रियो। अन अटा तईं के हूळी की मोत भी सेण कर लिदी।