पण ज्यो मनक मूसा का कामाँ का जस्यान चाली वीं हाराई मनक पाप का गुलाम रेई। काँके सास्तर में लिक्यो हे के, “ज्यो कुई मूसा का नेमा की किताब में लिकी तकी हारी बाताँ ने कोयने मानी, वींने हराप लागी।”
तद्याँ पछे मूसा का नेम काँ दिदा ग्या? यो तो मनकाँ ने पाप का बारा में बताबा का वाते दिदा ग्या, ताँके ईं नेम वणी बंस तईं रेवे जिंका बारा में परमेसर वादो किदो, अन अणा नेमा ने परमेसर हरग-दुताऊँ मूसा ने दिदा, ज्यो मनकाँ अन परमेसर का बचमें बात करबावाळो हो।
पापी ने मारबा का वाते वींके मुण्डाऊँ एक तीकी तरवारऊँ बारणे निकळरी ही। वो लोड़ा की लाटी की जोर पे वाँका पे राज करी अन सर्वसक्तिमान परमेसर की गुस्सा की सुल में वाँने अस्यान गूंदी जस्यान अंगूर ने कुण्ड में गुँदे।