पण यद्याँ आपणाँ बुरा करम परमेसर की धारमिकताने सई तरियाऊँ परगट करे हे अन अणी बात पे परमेसर आपाँ पे गुस्सो करे हे तो आपाँ कई केवा के, वीं आपणाँ हाते अन्याव करे हे। यो तो मूँ मनक का रिती पे कूँ हूँ।
तो आ बात साबत वेवे हे के, परमेसर को वादो विस्वास को फळ हे ज्यो वाँकी करपाऊँ में मले हे। अणीस वजेऊँ परमेसर को वादा अबराम का हाराई लोगाँ पे लागू वेवे हे, अन बेस वाँका वातेईस ने जीं नेमाने माने हे पण वाँ हाराई पे जीं अबराम का जस्यान विस्वास राके हे। वो आपणाँ हाराई को बापू हे।
तो आपाँ कई केवाँ? कई नेम पाप हे? कदी ने हे। काँके यद्याँ नेम ने वेता तो मूँ जाण ने पातो के, पाप कई वेवे हे? यद्याँ नेम ने बताता के, लोब मती करो, तो हाँची में मूँ जाणीई ने पातो के, लोब कई हे?
पछे जद्याँ आपणी देह का बापू भी आपाँने तापड़े हे अन आपाँ वाँकी इजत करा हा, तो पछे आपाँने आपणाँ आत्मिक बापू का क्या में भी रेणो छावे, जणीऊँ आपाँ जीवता रेवा।