तो आपाँ कई केवाँ? कई नेम पाप हे? कदी ने हे। काँके यद्याँ नेम ने वेता तो मूँ जाण ने पातो के, पाप कई वेवे हे? यद्याँ नेम ने बताता के, लोब मती करो, तो हाँची में मूँ जाणीई ने पातो के, लोब कई हे?
पण थाँकी मण्डली में छानेऊँ अस्यान का मनक आग्या हे, ज्याँका बारा में सास्तर में पेल्याँई लिक्यो हे के, वाँने दण्ड मली, काँके वीं परमेसर ने कोयने जाणे हे। अणा मनकाँ परमेसर की दया ने खुद का वाते कुकरम करबा की छुट मान लिदी हे अन आपणाँ परबू जीं आपणाँ मालिक ईसू मसी हे वाँने मानबा का वाते नट जावे हे।