7 कुई अस्यान भी के सके हे के, यद्याँ मारा जूट की वजेऊँ परमेसर को हाँच हेलो वे जावे हे अन अणीऊँ वींकी मेमा हेली परगट वेवे हे, तो पछे पापी मनक का जस्यान मूँ दण्ड के जोगो ने मान्यो जाऊँ।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
कदी भी अस्यान ने वेवे, यद्याँ हाराई मनक जूटा हे, तो भी परमेसर हाँचा हे। जस्यान सास्तर में लिक्यो तको हे के, “जणीऊँ थूँ थाँरी बाताँ में धरमी वेवे अन न्याव करती टेम में थूँ जे पावे।”