12 हाराई का हाराई परमेसर का गेलाऊँ भटकग्या हे, वीं हाराई बुरा बणग्या हे, कुई भलई करबावाळो ने हे एक भी ने हे।
ईं वाते ईं बना काम का दास ने बारणे अंदारा में नाक दो, जटे हाका-भार अन रोवणो वेवे।’
कुई हमजदार ने हे, ज्यो परमेसर ने होदे हे!
वाँको मुण्डा खली तकी कबर का जस्यान हे। वीं आपणी जीबऊँ छळ-कपट करे हे। वाँका होट पे हाँप को जेर भरियो तको हे।
पेल्याँ आपाँ हारई भी वाँके जस्यान आपणाँ डील की हुगली मनसा के जस्यान दन बिताता हा, डील अन मन की मरजी पुरी करता हा अन दूजाँ लोगाँ के जस्यान परमेसर का दण्ड के जोगा हा।
एक टेम ही, जद्याँ वो थाँरे कणी काम को कोयने हो, पण अबे वो थाँरे ने पण मारे दुयाँ के नरोई काम को हे।
काँके पेल्याँ थाँ गम्या तका गारा का जस्यान हा, पण अबाणू थाँ थाँका गवाळ्याँ अन थाँकी आत्मा की रकबाळी करबावाळा का नके पाच्छा आग्या हो।