वीं परमेसर का नेम जाणे हे के, ज्यो मनक अस्यान को जीवन जीवे हे वीं मोत का दण्ड के जोगा हे, पण पछे भी वीं खुद अस्या काम करे हे अन दूजाँ ज्यो अस्या काम करे हे वाँने भी सई बतावे हे।
ईं वाते हे न्याव करबावाळा पलई थूँ कुई भी वे, थाँरा नके कई आळको ने हे, काँके जणी काम का वाते थूँ किंने दूजाँ ने दोसी माने हे, वणीऊँस थूँ आपणाँ खुद ने भी दोसी केवाड़े हे, काँके जणा कामाँ को थूँ न्याव करे हे वाँने थूँ खुद भी करे हे।
जद्याँ मनक केरिया वेई के, “हारोई हव हे अन कई दरपणी ने हे,” वणी दाण एकदम परकोप आ पड़ी जस्यान जापा वाळी लुगई पे दुक वेवे हे। वीं कणी भी तरियाऊँ बंच ने सकी।
ध्यान राकज्यो, के थाँ वणी बोलबावाळा ने मती नकार ज्यो। काँके जणी धरती पे चेतावणी दिदी ही, वींने नकारन वीं बंच ने सक्या, तो यद्याँ आपाँ वींने नकार देवा, ज्यो आपाँने हरगऊँ चेतावणी देरियो हे, तो आपाँ कदी दण्डऊँ बंच ने सका।