20 अन बना हमजवाळा ने हिकाबावाळो, अन बाळकाँ को गरू, काँके नेमाऊँ थने हारोई ग्यान अन हाँच मल्यो हे।
वीं दाण ईसू क्यो, “हो परम बापू, हरग अन धरती का परबू, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ के, थाँ अणा बाताँ ने ग्यानी अन स्याणाऊँ हपान राकी अन भोळा मनकाँ पे परगट किदी हे।
थूँ ओ माने हे के, थूँ आंदा मनकाँ की आक्याँ हे अन जतरा अन्दारा में हे, वाँका वाते थूँ ज्योती हे।
तो कई, आपाँ विस्वासऊँ नेमा ने मानणा छोड़रिया हा। कदी अस्यान ने करा हा, पण आपीं तो नेमा ने ओरी पकड़या राका हा।
पण परमेसर को धन्नेवाद वे के, थाँ ज्यो पाप का दास वेबा पे भी थाँ वणी हिक ने मानी, ज्या थाँने हूँपी गी ही।
हो भायाँ, मूँ थाँकाऊँ वस्यान बात ने कर सक्यो जस्यान आत्मिक मनकाँऊँ करूँ हूँ, पण मने थाँकाऊँ वस्यान बात करणी पड़ी जस्यान सांसारिक मनक करे हे अन ज्यो अबाणू मसी में नवा विस्वासी हे।
जीं खरा बचन में थने हिकाया हे वाँने मजबुतीऊँ पकड़ राक अन वाँने भी विस्वास अन परेम का हाते, ज्यो ईसू मसी में हे, खुद का वाते नमुनो बणान राक।
वीं धरमीपणा को दिकावो तो करी, पण परमेसर की तागत ने ने मानी। अस्यान हिकबावाळा मनकाँऊँ खुद ने छेटी राक।
वीं परमेसर ने जाणबा को दावो तो करे हे, पण वाँका काम वाँने नकार देवे हे। वीं हूँगला अन बात ने ने मानबावाळा हे, वीं हव काम का जोगा ने हे।
काँके दूद पिबावाळा छोरा ने तो धारमिकता का बचन की पेचाण ने वेवे, काँके वो बाळक हे।
हो मारा भायाँ, थाँका मेंऊँ हेला मण्डली में हिकाबावाळा मती बणज्यो, काँके थाँ जाणो हो के, माँ हिकाबावाळा को न्याव ओरुँ भी कल्ड़ो किदो जाई।
जस्यान नुवो जनम लिदो तको बाळक माँ का खरा दूद की मनसा करे हे वस्यानीस थाँ आत्मिक दूद की मनसा राको, जणीऊँ थाँकी आत्मिक बड़ोतरी वे सके अन बंचाया जा सको।