ईं वाते फरीसी आपणाँ चेला ने हेरोदिया का गुट का थोड़ाक मनकाँ का हाते ईसू का नके खन्दाया अन वणा क्यो, “हो गरुजी, माँ जाणा हाँ के, थूँ हाँचो हे, अन परमेसर को गेलो हाँचऊँ हिकावे हे, अन किंकीई दरप ने राके हे, काँके थूँ मनकाँ को मुण्डो देकन बाताँ ने करे हे।