16 थाँ हात-जोड़न एक दूजाँ ने नमस्कार करिया करो। थाँने हारी मसी मण्डळ्याँ का आड़ीऊँ नमस्कार।
ईं वाते थाँ आपणो अन आपणी हाराई गारा को ध्यान राको जिंने पुवितर आत्मा थाँका हात में हुप्याँ हे के, थाँ परमेसर की मण्डली की रुकाळी करो, ज्याँने परमेसर आपणाँ बेटा का लुईऊँ मोल लिदी हे।
तद्याँ वीं हंगळा घणा रोया अन पोलुस के गळे मलबा लाग्या।
अन हाराई विस्वासी भायाँ का आड़ीऊँ भी थाँने नमस्कार एक-दूजाऊँ गळे मलन एक दूजाँ को आदर करज्यो।
एक-दूँजा का गळे मलन एक-दूँजा को मान करिया करो।
हाराई विस्वास्याँ के गळे मलन जे मसी की करिया करो।
परेमऊँ एक दूजाँ ने हात-जोड़न नमस्कार करो। मूँ परातना करूँ हूँ के, थाँने हाराई ने जो मसी का हो, परमेसर का आड़ीऊँ सान्ती मलती रेवे।