हो विस्वासी भायाँ, आपणाँ परबू ईसू मसी का नाम में मारी थाँकाऊँ विनती हे के, थाँ हाराई एकीस बात केवो, थाँकामें कई भी फुट ने वेवे, एकीस मन अन एकीस मत वेन मल्या तका रेवो।
हो विस्वासी भायाँ, मूँ अणा आकरी सबदा का हाते अणी कागद ने बन्द कररियो हूँ, राजी रिया करो, थाँका वेवार ने बदलो, एक-दूँजा ने हिम्मत बंदावो, सान्ती अन मेल-मिलापऊँ रो, तद्याँ परमेसर ज्यो परेम अन सान्ती का दाता हे थाँका हाते रेई।
थाँ थाँको जीवन मसी का हव हमच्यार के जोगो जियो, ताँके यद्याँ मूँ आन थाँने देकूँ कन ने देकूँ पण थाँका बारा में मूँ ओ हुण सकूँ के, थाँ एक मन अन एक मकसदऊँ अटल रेन हव हमच्यार का विस्वास का वाते कल्ड़ी मेनत कररिया हो।
ईं वणा मनकाँ की आत्मा हे, जणा जद्याँ नूह नाव बणारियो हो वीं टेम परमेसर को केणो ने मान्यो, पण परमेसर धिज्या का हाते वाँकी वाट नाळरिया हा, वीं टेम भी नाव में आट मनकईस पाणीऊँ बंचाया ग्या हा।
मारी आकरी मरजी हे के, थाँ हाराई मनक एक मन रेवो अन थाँ हाराई ने मनकाँ का हाते मेल-मिलाप, भईचारा, दया करबावाळा अन भायाँ का हाते परेम-भावऊँ रेबावाळा बणणो छावे।
परबू आपणाँ वादा ने पूरा करबा में देर ने लगावे, जस्यान नरई मनक होचे हे। पण परमेसर आपणाँ वाते धीरज राके हे, काँके वो किंने भी नास करणो ने छावे हे। पण वो छावे हे के, हाराई मनक आपणाँ मन ने पापऊँ अलग करन मन फेरे।