अन यद्याँ मूँ परमेसर की बाताँ भी बता सकूँ अन मूँ हारोई भेद भी खोल सकूँ, हारोई ग्यान भी जाण जऊँ अन मने अटे तईं विस्वास भी वे के, मूँ मंगरा ने भी हरका सकूँ हूँ, पण परेम ने करूँ, तो मूँ कई भी ने हूँ।
काँके यद्याँ कुई “थाँ ग्यानी” ने मन्दर में चड़ई तकी चिजाँ खाता देक ले अन वो कमजोर विस्वासवाळो मनक वे, तो कई वींका मन में मूरताँ का हामे चड़ई तकी चिजाँ खाबा को मन ने वे जाई?
पण ओ ग्यान हाराई का नके ने हे। नरई तो अबाणू भी मूरताँ की पुजा करे हे अन अस्यी चिजाँ खावे हे अन होचे हे के, जस्यान वीं चिजाँ मूरत्याँ को परसाद हे। ईं वाते वाँके अस्यान करबाऊँ वाँकी अंतर-आत्मा असुद वे जावे हे काँके वीं कमजोर हे।
अन थाँ हारी बाताँ धनवान हो, जस्यान के विस्वास में, बोली में, ग्यान में, नरई तरियाऊँ भलई करबा में अन जणी परेम की हिक माँ थाँने दिदी ही, वीं परेम में थाँ पाका हो वस्यानीस थाँ अणी दान देबा का काम में भी बड़ता जावो।
थाँ हाराई का वाते मने अस्याईस बच्यार राकणा हव हे, काँके थाँ हाराई मारा मन में बस्या तका हो। अन जद्याँ मूँ हाकळाऊँ बन्दयो तको हूँ अन हव हमच्यार ने साबत करबा अन पाको बणाबा में भी लागरियो हूँ, थाँ मारा हाते परमेसर की दिदी तकी अणीस करपा में भागी हो।
मसी का बचना ने आपणाँ हरदा में नराऊँ-नरा वसबा दो अन हाराई ग्यानऊँ एक दूजाँ ने हिकावो अन हेंचेत करता रेवो। थाँका हरदाऊँ परमेसर को धन्नेवाद करता तका भजन, बड़ई का गीत अन आत्मिक गीत गाता रेवो।
ईं वाते, माँ थाँका वाते हमेस्यान परातना करा हाँ के, आपणाँ परमेसर थाँने जुग-जुग के जीवन का जोगा बणावे, जणी वाते थाँने वणा बलाया हे। अन भलई की हरेक मरजी अन विस्वास का हरेक काम ने सामरत का हाते पूरा करो।
मूँ थाँरा हाँचा विस्वास ने भी आद करूँ हूँ, अस्यान कोईस विस्वास थाँरी नानी लोइस अन थाँरी बई युनीके में हो, अन मूँ ईं बात वाते पाको हूँ के, वोईस विस्वास थाँरा में भी हे।
अबाणू तईं तो थाँने हिक देबावाळा बण जाणो छावतो हो, पण थाँने अबाणू भी एक अस्या मनक की जरूत हे ज्यो थाँने सरूऊँ परमेसर की हिक की सरुवात की बाताँ हिकावे। थाँके तो अबाणू रोटी ने, बेस दूद की जरूत पड़री हे।