ईं तरियाँ मूँ मसी का आड़ीऊँ मारी कमजोरियाँ में, बेजत वेन में, दुक में, हताव में, तकलिप में, अबकी टेम में मूँ राजी रूँ हूँ। जद्याँ मूँ कमजोर वेवूँ हूँ, तद्याँईस मूँ जोरावर बणूँ हूँ।
हो भूण्डा मनकाँ, मूँ थाँने ईं वाते लिकूँ हूँ, काँके थाँ परमेसर ने जाण लिदा हे, जीं सरुवातऊँ हे। हो मोठ्याराँ, मूँ थाँने ईं वाते लिकूँ हूँ, काँके थाँ जोरावर हो, थाँ परबू का बचन ने मानो हो अन बुरई ने भी छेटी कररिया हो।