पण जद्याँ कुई अस्यान की चीज खावे हे, जिंके खाबाऊँ वो संका में वे, तो वो दोसी वेवे हे। काँके वींको खाणो वींका विस्वास का जस्यान कोयने हे अन वो हारोई ज्यो विस्वास पे ने टक्यो तको, वो पाप हे।
ईं वाते हे न्याव करबावाळा पलई थूँ कुई भी वे, थाँरा नके कई आळको ने हे, काँके जणी काम का वाते थूँ किंने दूजाँ ने दोसी माने हे, वणीऊँस थूँ आपणाँ खुद ने भी दोसी केवाड़े हे, काँके जणा कामाँ को थूँ न्याव करे हे वाँने थूँ खुद भी करे हे।
पण ओ ग्यान हाराई का नके ने हे। नरई तो अबाणू भी मूरताँ की पुजा करे हे अन अस्यी चिजाँ खावे हे अन होचे हे के, जस्यान वीं चिजाँ मूरत्याँ को परसाद हे। ईं वाते वाँके अस्यान करबाऊँ वाँकी अंतर-आत्मा असुद वे जावे हे काँके वीं कमजोर हे।
माँ आ बात मेपणोऊँ अन साप हरदाऊँ के सका हाँ के, माँ ईं दनियाँ का हाते अन खासतोरऊँ थाँका हाते परमेसर की दया के जस्यान चाल्या हा अन हव तरियाऊँ अन हाँच का हाते चाल्या हा ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ मले हे ईं दनियाँ की अकलऊँ ने मले हे।
हो भायाँ, यद्याँ कुई मनक कस्याई पाप में पकड़यो जावे, तो ज्यो थाँ आत्मिक हो थाँने अस्यान करणो छावे के, थाँ दया-भावऊँ वींने पाछो धरम का गेला पे लाबा का वाते वींकी मदत करो, ताँके वो पाछो धरम का गेला में आ जावे। थाँ आपणाँ खुद को भी ध्यान राकज्यो के, थाँ परक में ने पड़ो।