1 ज्यो विस्वास में कमजोर हे वाँने भी हाते राको, पण वाँका बच्याराँपे बेस मती करो।
जद्याँ तईं वो मनकाँ को ईमानदारी का हाते न्याव ने करी वो किंकोई नास ने करी, वीं पलई वाड़ा का पतला टिण्डका का जस्यान वाँको वो कन दिवा का धूवा का जस्यान कमजोर वो।
ईसू तरत हात लाम्बो करन वींने पकड़ लिदो अन वींकाऊँ क्यो, “ये कम विस्वास करबावाळा, थाँ काँ भेंम किदो?”
“देको, थाँ अणा फोरामूँ कणी ने बेकार मती जाणो, काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, हरग में वाँका दूत मारा हरग का बाप को मुण्डो हमेस्या देकता रेवे हे।
काँके वाँ चीज वींका मन में ने जावे, पेट में जावे अन पछे पेटऊँ बारणे निकळ जावे हे।” अस्यान केन वणा खाबा की हंगळी चिजाँ ने सुद बतई।
ज्यो अणा फोरामूँ कणी एक ने भी ठोकर खवाड़े हे, तो वींका वाते यो हव हे के, घट्टी को पाट वींका गळा में लटकायो जावे अन समन्द में नाक दिदो जावे।
मूँ थाँने सई-सई केवूँ हूँ के, ज्यो मने खन्दाबावाळा ने माने हे, वो मने माने हे। अन ज्यो मने गरेण करे हे, वो मने खन्दाबावाळा ने भी गरेण करे हे।”
वटे रेबावाळा लोग माकाँ पे दया किदी, काँके बरका वरवाऊँ ठन्ड लागरी ही, ईं वाते वणा वादी लगान माँ हारा की आवभगत किदी।
काँके यद्याँ परमेसरऊँ वाँको नकारियो जाणो दनियाँ में मेल-मिलाप लावे, तो वाँने अपणायो जाणो मरिया तकाऊँ जिवाया जणो कोनी वे सके हे कई?
थोड़ाक मनकाँ को विस्वास वाँने हारोई खाबा की इजाजत देवे हे, पण जीं विस्वास में कमजोर हे वीं साग-पातईस खावे।
माँस खाणो हव ने हे, दारू पिणो हव ने हे अन कस्यो भी अस्यान को काम करणो हव ने हे ज्यो थाँका भायाँ ने पाप में नाके हे।
ज्यो हारोई खावे हे वीं वणा मनकाँ ने बेकार ने हमजे जीं हारोई ने खावे हे। अन जीं साग-पात खावे हे, वीं वाँको न्याव ने करे, ज्यो हारोई खावे हे, वाँको काँके परमेसर वाँने अपणा लिदा हे।
आपाँ ज्यो विस्वास में गाटा हा, आपाँने वाँकी कमजोरी सेण करणी छावे ज्यो विस्वास में कमजोर हे। आपाँ बेस खुद नेईं राजी ने करा।
परमेसर की बड़ई करबा का वाते एक दूजाँ ने अपणा लो, जस्यान मसी थाँने अपणाया हा।
अन वो ज्यो हो वर को हो, आपणाँ मरिया तका सरीर अन सारा का गरब की मरी तकी दसा ने जाणन भी वो विस्वास में कमजोर ने व्यो।
मूँ कमजोरा मनकाँ का वाते कमजोर बण्यो ताँके वाँका मन ने जीत सकूँ। मूँ हाराई मनकाँ का वाते हारोई बण्यो, कस्यान भी करन मूँ नरई ने बंचा सकूँ।
ईं वाते थाँ परबू पे विस्वास राकबावाळा भई के जस्यान वींकी आवभगत घणा आणन्दऊँ करज्यो अन अस्या मनकाँ को मान करिया करो।
हो भायाँ-बेना, माँ थाँने हमजावा हाँ के, जी आळकातक हे वाँने हमजावो, दरपे वाँकी हिम्मत बड़ावो, कमजोरा ने हमाळो अन हाराई का हाते नरमाई राको।
पण रोट्याँ तो मोठ्याराँ का वाते वेवे हे जणा नत नेम राकन खुद ने त्यार करन भला-बुरा की पेचाण करणो हिक लिदो हे।
अन यद्याँ कुई थाँका नके आन, आ हिक ने देवे, तो थाँ वीं मनक ने थाँका घर में मती आबा दो अन ने वींकी आवभगत करज्यो। अन वणीऊँ नमस्कार भी मती करज्यो।