हरग-दुताँ की पुजा करणी, आपणी देह ने दुक देणो, दिकावा की दया अन मनकाँ का बणाया तका जूटा नेम, ईं हाराई ग्यान की बाताँ तो लावे हे, पण देह की बुरी मरजी ने रोकबा का वाते अणाऊँ कई नफो ने वेवे हे।
हे मारा प्यारा भायाँ-बेना, थाँ जो ईं दनियाँ का मयने बारवासी मनकाँ के जस्यान हो, थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ पाप करबा की बुरी मरजीऊँ खुद ने बंचान राकज्यो, ज्या थाँकी आत्माऊँ लड़ती रेवे हे।