ईसू जवाब दिदो, “यद्याँ परमेसर थाँने मारा पे यो हक ने देता, तो थाँ कई ने कर सकता। तो थारो मारा पे कई हक ने वेतो। ईं वाते जणा मने थाँरा हाताँ में हूँप्यो हे, वीं थाँराऊँ भी हेला पापी हे।”
अस्यानीस वीं मनक जी थाँकी मण्डळ्याँ में आग्या हे, जीं हूँगला काम करता रेवे हे अन आपणी देह ने बगाड़रिया हे अन केवे हे अस्यान करबा का वाते परमेसर माने हपना में क्यो हे। वीं परमेसर की तागत ने बेकार हमजे अन हरग-दुताँ का विरोद में बोले हे।
वीं उन्याँऊँ लड़ी, पण वो उन्यो आपणाँ बलाया तका, चुण्या तका अन आपणाँ गेले चालबावाळा मनकाँ ने हाते लेन वींने हरा देई, काँके वो उन्यो राजावो को भी राजा अन परबू को भी परबू हे।”