6 वींकी दया जस्यान आपाँने ज्यो अलग अलग वरदान मल्या हे। जस्यान किंने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान हे, तद्याँ वो आपणाँ विस्वास का जस्यान परमेसर का आड़ीऊँ बोले।
ईं वाते देको, मूँ थाँका नके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन अकलमन्द अन गरुवा ने खन्दाऊँ हूँ अन वणा मूँ करता ने तो मार नाको अन हूळी चड़ावो, अन किंने आपणाँ परातना घर में कोड़ा मारो अन एक नगरऊँ दूजाँ नगर दोड़ता फरो हो।
ईं वाते परमेसर को ग्यान भी केवे हे के, ‘मूँ वाँका नके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन खन्दाया तका ने खन्दाऊँ। पसे वीं वाकामूँ वीं करता ने तो मार नाकी अन नरई ने हताया करी।’
अन्ताक्या का विस्वास्याँ की मण्डली में परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन हिकाबावाळा हा, बरनबास अन समोन जो नीगर केवावे हे, अन कुरेन को लुकियुस, देस का चोता हिस्सा को राजपाल हेरोदेस की लारे पळ्या-बड़्या मनाएन अन साउल जस्या नरई हिकाबावाळा हा।
“‘परमेसर केवे के अन्त की टेम में अस्यो वेई के, मूँ आपणी आत्मा हारई मनकाँ में नाकूँ, थाँका बेटा-बेटी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जाई, थाँका मोट्यार मनक दरसावो देकी, अन भूण्डा-ठाड़ा लोग-बाग हपनो देकी।
ईं वाते वींकी दया की वजेऊँ ज्या मने मली हे। वींने ध्यान में लेन मूँ थाँने केवूँ हूँ जतरा थाँ हो वणी हेला खुद ने मती हमजो हे, पण विस्वास का जस्यान जतरी कबालियत परमेसर थाँने दिदी हे वतरोइस खुद ने हमजो।
अन यद्याँ मूँ परमेसर की बाताँ भी बता सकूँ अन मूँ हारोई भेद भी खोल सकूँ, हारोई ग्यान भी जाण जऊँ अन मने अटे तईं विस्वास भी वे के, मूँ मंगरा ने भी हरका सकूँ हूँ, पण परेम ने करूँ, तो मूँ कई भी ने हूँ।
पण यद्याँ हाराई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जावे अन जद्याँ कुई मण्डली में अविस्वासी मनक आ जावे तो थाँका हारी बाताँ वींने वींका पाप का बारा में बता देई अन थाँके केबा का जस्यान वींको न्याव वेई।
अन जिंने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान मल्यो हे वाँका मेंऊँ भी दो कन हेलाऊँ हेला तीन जणा नेईस बोलणो छावे अन दूजाँ मनकाँ ने वाँकी बाताँ ध्यान लगान हूणणी छावे।
ओ बतावो अपुलोस कूण अन पोलुस कूण हे? बेस माँ तो परबू का सेवक हाँ, ज्याँके वजेऊँ थाँ विस्वास किदो हो। माकाँ मूँ हाराई बेस वोईस काम कर हे ज्यो परबू माने हूँप्यो हे।
मूँ तो छावूँ हूँ के, हाराई मनक मारा जस्यान बना ब्याव करिया रेवे, पण हरेक मनक ने परमेसर का आड़ीऊँ एक खास वरदान मल्यो हे। हाराई ने अलग अलग तरिया को वरदान मल्यो हे।
पुराणी टेम में ईं राज ने मनकाँ पे परगट ने किदो ग्यो हो, अबाणू परमेसर पुवितर आत्माऊँ वींका पुवितर थरप्या तका अन वाँका आड़ीऊँ बोलबावाळा पे परगट किदो ग्यो।
वाँकाणी किंनेई तो थरप्या तका वेबा का वाते, अन किंनेई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा, किंनेई तो हव हमच्यार हुणाबावाळा, अन किंनेई तो परमेसर का मनकाँ का गवाळ अन किंनेई हिकाबावाळा बणाया।