मूँ अबे दनियाँ में ने रेऊँ, पण ईं हाराई दनियाँ में रेई, अन मूँ थाँका नके आवूँ हूँ। हो पवितर बापू आपणाँ वीं नाम की तागतऊँ ज्यो थाँ मने दिदो हे, वाँकी रुकाळी करो, ताँके वीं हाराई आपणे जस्यान एक वे सके।
कई थाँ ने जाणो हो के, थाँकी देह खुद ईसू मसी का गट-जोड़ में हे? तो कई मूँ वाँने ज्यो मसी का अंग हे, वाँने कस्यी वेस्या का अंग बणऊँ मूँ कदी अस्यो ने करूँ।
अन वीं आपणाँ खुद ने मसी का केबा में ने राके हे ज्यो हाराऊँ मोटो हे। मसी का वजेऊँ हारी काया ज्योड़ अन हाड़क्याऊँ मलन जस्यान परमेसर छावे हे वस्यान बड़ती जावे।