अन आज मूँ ज्यो कई भी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ अन वींकी दया मारा वाते बेकार ने गी। काँके में दूजाऊँ हेली मेनत किदी हे, पण परमेसर की दया मारा पे हे जणीऊँ मूँ अस्यान कर सक्यो हूँ।
वणा आपाँने परमेसर का मनक वेबा वाते बंचाया अन बलाया हे, ओ सोभाग्य आपणाँ पे आपणाँ कामाँ का जस्यान ने मल्यो हे, पण ओ तो वाँकी दया अन वाँका मकसद वाते आपाँ पे ने मल्यो हे, ज्यो ईसू मसी में सरुवातऊँ आपणाँ वाते हो।
यो ईं वाते ने व्यो के, आपाँ धरम का काम कररिया हा, पण आ वाँकी करपाइस ही के, वो आपाँने पुवितर आत्मा का आड़ीऊँ बंचावे, ज्या आपाँने धोन नुवो जनम अन नुवो जीवन देवे हे।